Tuesday, October 25, 2011

Somnambulistic Samurai [कविता का शीर्षक ]










पांच बजे तडके तडके, यु ही नींद खुल जाती है 

नींद खुल जाती है तो email खुल जाती है
सामने एयर एशिया की चिट्ठी , जापान की return टिकट 
पांच हज़ार में आती है 

अब मेरे प्रिय मित्र , तुम्ही ये बतलाओ 
आंधी की तरह Tokyo क्यों ना जाओ ?

कहे Quixotic Knight,आधी नींद में 
चाय की जगह सुशी, कुश्ती की जगह सूमो 
छोड़ो रोज का स्यापा, चलो दुनिया घूमो




















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